Monday, November 26, 2018

सेक्स के बारे में बच्चों से झूठ बोलना क्यों ख़तरनाक?

"बच्चों! आज हमारी एजुकेशन की क्लास है!" ये कहते हुए टीचर डस्टर उठाता है और ब्लैकबोर्ड पर लिखा 'सेक्स' शब्द मिटा देता है. बचता है तो सिर्फ़ " एजुकेशन". ब्लैकबोर्ड पर महिला और पुरुष के चित्र बने हैं और उनके जननांगों की जगह ख़ाली डिब्बा सा बना दिया गया है.

कुछ ऐसा ही दृश्य है 'ईस्ट इंडिया कॉमेडी' के बनाए एक वीडियो का. वीडियो बड़े ही मज़ाक़िया लहजे में भारत में सेक्स एजुकेशन व्यवस्था पर तंज़ करता है.

लेकिन कहानी यहीं ख़त्म नहीं होती. उदाहरण अभी बाक़ी हैं मेरे दोस्त!

मिसालों की लिस्ट क़ायम है!
बच्चे का सवाल -"मम्मा, बच्चे कहां से आते हैं?"

उत्तर- "बेटा, आसमान से एक सुंदर सी परी आती है और बच्चों को मम्मा के पास रखकर चली जाती है."

बच्चे का सवाल -"डैडी, वो हिरोइन प्रेगनेंट कैसे हो गई?"

उत्तर-"बेटा, हीरो ने हिरोइन को किस किया ना. इसलिए वो प्रेगनेंट हो गई."

भारतीय घरों में ऐसी बातचीत सुनने को मिले तो हमारे कान ज़रा भी खड़े नहीं होते क्योंकि ये बिल्कुल आम है.

लेकिन इस 'आम बातचीत' का नतीजा कितना ख़तरनाक हो सकता है इसका अंदाज़ा डॉक्टर शारदा विनोद कुट्टी की एक फ़ेसबुक पोस्ट से बख़ूबी लगाया जा सकता है.

डॉ. शारदा ने कुछ दिनों पहले फ़ेसबुक पर एक वाक़या शेयर किया था, जो कुछ इस तरह था:

"आज मेरे पास 17 साल की एक लड़की आई. वो काफ़ी ग़रीब परिवार से थी. उसने मुझे बताया कि बॉयफ़्रेंड से सेक्स करने के बाद उसने आईपिल (गर्भ निरोधक दवा) ले ली है. वो बहुत घबराई हुई थी और मेरे सामने शर्मिंदा महसूस कर रही थी. वो मुझसे बार-बार कह रही थी ये बस एक बार हुई ग़लती है और दोबारा ये ग़लती नहीं होगी.

मैं उसे ये समझाने की कोशिश करती रही कि ऐसा करने में कोई बुराई नहीं है. हर इंसान सेक्स करता है अगर इस मामले में कुछ ज़रूरी है तो वो है सुरक्षा. हमने अपनी बातचीत जारी रखी और आख़िरकार उसनें मुझे बताया कि उसे असल में पता ही नहीं है कि सेक्स होता कैसे है.

उसे ये भी नहीं पता था कि एक पुरुष का जननांग दिखता कैसा है. इसके बाद मैंने उसे सारी चीज़ें विस्तार से समझाई और चित्र बनाकर दिखाया कि असल में सेक्स कैसे होता है. सच्चाई ये थी कि उस लड़की ने सेक्स किया ही नहीं था. उसने अपने बॉयफ़्रेंड को सिर्फ़ किस किया था. हमारे यहां सेक्स एजुकेश की स्थिति इतनी ख़राब है कि उसे लगा कि किस करने से वो प्रेगनेंट हो जाएगी.

यहां तक कि उसने प्रेगनेंसी रोकने के लिए उसने गर्भनिरोधक दवा भी खा ली. ज़रा सोचिए कि हमने अपने बच्चों को किस क़दर अकेला छोड़ दिया है. सोचिए कि वो लड़की कितना बेहतर महसूस करती अगर उसके पास सही जानकारी होती और अगर वो एक ऐसे समाज में रह रही होती जहां उसे ग़लत न समझा जाता."

Tuesday, November 13, 2018

अब तक 102 देशों की खिलाड़ी ले चुकी हैं हिस्सा

 यहां के इंदिरा गांधी स्टेडियम में गुरुवार से शुरू हो रही एआईबीए महिला विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में चार कन्फेडरेशंस (परिसंघ) से नौ देश पहली बार इस टूर्नामेंट में हिस्सा लेंगे। चैम्पियनशिप के इस 10वें संस्करण में मुक्केबाजी का मजबूत देश माना जाने वाला स्कॉटलैंड भी डेब्यू करेगा। पिछले नौ संस्करणों में पांच कन्फेडरेशंस के 102 राष्ट्र हिस्सा ले चुके हैं। महिला विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप की शुरुआत 2001 में हुई थी।

पिछले 12 साल में 70 और देशों की मुक्केबाज रिंग में उतरीं
भारत दूसरी बार इस टूर्नामेंट की मेजबानी कर रही है। इससे पहले 2006 में नई दिल्ली में हुई महिला विश्व मुक्केबाजी में 32 देशों की 180 मुक्केबाज रिंग में उतरी थीं। पिछले 12 साल में महिला मुक्केबाजी में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि इस दौरान 70 और देशों ने इस टूर्नामेंट में भाग लिया।

स्कॉटलैंड ने कुछ साल पहले ही अपनी महिला टीम बनाई है। उसने इससे पहले कभी विश्व चैम्पियनशिप में अपनी टीम नहीं उतारी। इस देश की तीन मुक्केबाजों में 19 साल की विक्टोरिया ग्लोवर भी हैं जो 57 किलोग्राम भारवर्ग में प्रतिस्पर्धा करेंगी। उनके अलावा स्टेफनी केरनाचान 51 और मेगन रीड 64 किलोग्राम में चुनौती पेश करेंगी।

स्कॉटलैंड के अलावा 2012 में एआईबीए में शमिल होने वाला देश कोसोवो की महिला टीम भी विश्व चैम्पियनशिप में हिस्सा ले रही है। कोसोवो के मुक्केबाजों ने पुरुषों की एलीट यूथ और जूनियर एआईबीए टूर्नामेंट में शिरकत की है। कोसोवो की पहली महिला मुक्केबाज डोनेता सादिकु ईयूबीसी यूरोपियन महिला यूथ चैम्पियन हैं।

डोनेता सादिकु इस टूर्नामेंट में डेब्यू कर रही हैं। 19 साल की इस मुक्केबाज ने 2015 में जूनियर विश्व चैम्पिनयशिप में रजत पदक जीता था। इस टूर्नामेंट में डेब्यू करने वाला माल्टा तीसरा देश है। इससे पहले माल्टा ने 2009 में पुरुषों की विश्व चैम्पियनशिप में हिस्सा लिया था।

बांग्लादेश भी इस टूर्नामेंट में अपनी तीन मुक्केबाजों के साथ पहली बार उतरेगा। बांग्लादेश ने कुछ साल पहले ही महिला मुक्केबाजी कार्यक्रम की शुरुआत की है। इसके अलावा केमैन आइलैंड की मुक्केबाज भी पहली बार विश्व चैम्पियनशिप में हिस्सा लेंगी।

इंग्लैंड के लिए खेल चुकीं रामला अब अपने देश सोमालिया की ओर से रिंग में उतरेंगी
अफ्रीकी मुक्केबाजी कन्फेडरेशंस के चार देश कांगो, मोजाम्बिक, सिएरा लियोन और सोमालिया की मुक्केबाज भी पहली बार इसमें हिस्सा लेंगी। सोमालिया की ओर से रामला अली रिंग में चुनौती पेश करेंगी। लंदन में रह रहीं रामला पहले इंग्लैंड की ओर से खेल चुकीं हैं। इस बार उन्होंने अपने मूल राष्ट्र से खेलने का फैसला किया।