Wednesday, April 24, 2019

श्रीलंका बम धमाके: जब हमलावर और चर्च के पादरी का हुआ आमना-सामना

श्रीलंका में बीते रविवार को हुए बम धमाकों में मरने वालों की संख्या बढ़कर 359 हो गई है और तकरीबन 500 लोग घायल हैं.

पीड़ित परिवारों ने अपने मृत परिजनों के अंतिम संस्कार की तैयारियां शुरू कर दी हैं.

इस दर्दनाक माहौल में एक चर्च के पादरी फादर स्टेनली ने हमले से पहले कथित हमलावर के साथ हुई अपनी बातचीत को बीबीसी से साझा किया है.

कथित हमलावर से फादर स्टेनली का सामना श्रीलंका के मट्टकालाप्पु इलाके में स्थित सियोन चर्च में हुआ. इस चर्च में हुए हमले में 26 लोगों की मौत हुई जिनमें से ज़्यादातर बच्चे थे.

'मैंने उससे बात की थी'
फादर स्टेनली बताते हैं, "हमारे पेस्टर (पादरी) विदेश में हैं. चूंकि असिस्टेंट पेस्टर भी उपलब्ध नहीं थे. उन्होंने मुझे कई नए लोगों से मिलवाया था. शायद कथित रूप से उस व्यक्ति से भी जिसने इस हमले को अंजाम दिया"

"मैंने उससे बात की थी. मैंने उसे चर्च के अंदर बुलाया. उसने मना कर दिया और कहा कि वह किसी फोन कॉल का इंतज़ार कर रहा है, ऐसे में कॉल आने पर उसे फोन उठाना होगा."

'उसने सर्विस शुरू होने का टाइम पूछा'

फ़ादर स्टेनली कहते हैं, "हमारा ऑफ़िस चर्च के सामने ही है. वह वहीं खड़ा था. उसने मुझसे पूछा कि सर्विस कब शुरू होती है. मैंने उसके सवाल का जवाब दिया और उसे चर्च में दोबारा बुलाया. हम हमेशा सभी का स्वागत करते हैं."

"वह अपने कंधों पर एक बैग टांगे हुए था. आगे की ओर कैमरा बैग जैसी चीज़ थी. मैं उस समय उसके मकसद से परिचित नहीं था. कई बच्चे कह रहे हैं कि ये काम उसी ने किया है."

"एक बार जब सर्विस शुरू हो गई तब मैं अंदर चला गया. इसके दो - तीन मिनट बाद उसने बाहर बम धमाका कर दिया. बम चर्च के अंदर नहीं फटा. कई बच्चे अपनी संडे क्लास के बाद चर्च के बाहर पानी पी रहे थे. वो इसके बाद ही चर्च के अंदर आते हैं. वे बच्चे और कई लोग उस समय चर्च के अंदर घुस रहे थे. उसी समय बम धमाका हो गया."

फादर स्टेनली बताते हैं कि चर्च के बाहर धमाके के बाद हर तरफ़ कोलाहल का माहौल बन गया.

वह कहते हैं, "धमाके के बाद, गाड़ियों और जेनरेटरों में आग लग गई. आग की वजह से हम धमाके में घायल कई लोगों को बचा नहीं सके. हमने बस कुछ बच्चों को धमाके से दूर निकाला."

फादर स्टेनली के मुताबिक़, उनके चर्च में पहले धमाके के बाद एक और धमाका हुआ था.

वह कहते हैं, "हमने लोगों को बचाने के लिए पूरी कोशिश की. इसके बाद हमें धमाके की आवाज़ सुनाई दी और सब कुछ आग में बदल गया. हम ये भूलकर इधर-उधर भागने लगे कि कौन ज़िंदा है और कौन मर गया. इस भागदौड़ में मेरी पत्नी और बेटा भी खो गया. इसके बाद मैंने उनकी तलाश शुरू की तो उन्हें एक अस्पताल में पाया. इस हमले में कई बेगुनाह और बच्चों की मौत हुई है. हमें बस इतना पता है."

तथाकथित इस्लामिक स्टेट ने अपने मीडिया पोर्टल 'अमाक़' पर इन हमलों की ज़िम्मेदारी क़बूल की है लेकिन इसकी पुष्टि नहीं की जा सकती क्यूंकि आम तौर से इस्लामिक स्टेट हमलों के बाद हमलावरों की तस्वीरें प्रकाशित करके हमलों की ज़िम्मेदारी तुरंत क़बूल करता है.

इस बात का कोई सबूत नहीं है कि श्रीलंका के हमलों के तीन दिन बाद किया गया इसका दावा सही है.

श्रीलंका सरकार ने एक स्थानीय जेहादी गुट- नेशनल तौहीद जमात- का नाम लिया है और अधिकारियों ने बम धमाके किसी अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क की मदद से कराए जाने की बात की है.

अब तक 38 लोग हिरासत में लिए जा चुके हैं. इनमें से 26 लोगों को सीआईडी ने, तीन को आतंकरोधी दस्ते ने और नौ को पुलिस ने गिरफ़्तार किया है.

गिरफ़्तार किए गए लोगों में से सिर्फ़ नौ को अदालत में पेश किया गया है. ये नौ लोग वेल्लमपट्टी की एक ही फ़ैक्ट्री में काम करते हैं.

Thursday, April 18, 2019

दुनिया में अब पोते-पोतियों से ज़्यादा दादा-दादी क्यों हैं

संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि दुनिया में बच्चों से ज़्यादा बुजुर्ग हो गए हैं.

2018 के अंत में 65 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों की संख्या 5 साल से कम उम्र के बच्चों से अधिक हो गई.

संसार में 65 साल से ज़्यादा उम्र के बूढ़ों की तादाद करीब 70.5 करोड़ है, जबकि शून्य से चार साल के बच्चे करीब 68 करोड़ हैं.

ये रुझान जारी रहे तो 2050 में शून्य से चार साल के हर बच्चे पर 65 साल से ज़्यादा उम्र के दो बुजुर्ग होंगे.

जनसांख्यिकी विशेषज्ञ पिछले कई दशकों से इस रुझान पर नज़र रखे हुए हैं. ज़्यादातर देशों में इंसान की जीवन प्रत्याशा बढ़ रही है. वे लंबे वक़्त तक जी रहे हैं और कम बच्चे पैदा कर रहे हैं.

इसका आप पर क्या प्रभाव होगा? कहीं ऐसा तो नहीं कि आप पर इसका असर शुरू हो गया हो.

वाशिंगटन यूनिवर्सिटी में इंस्टीट्यूट फ़ॉर हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैलुएशन के डायरेक्टर क्रिस्टोफर मरे कहते हैं, "बच्चे बहुत कम होंगे और 65 साल से ज़्यादा उम्र के बूढ़े ढेर सारे होंगे. इससे वैश्विक समाज को बनाए रखना बहुत मुश्किल होगा."

मरे ने 2018 के एक पेपर भी लिखा था जिसमें उनका कहना है कि दुनिया के लगभग आधे देशों में आबादी के मौजूदा आकार को बरकरार रखने के लिए पर्याप्त बच्चे नहीं हैं.

वह कहते हैं, "पोते-पोतियों से अधिक दादा-दादी वाले समाज में इसके सामाजिक और आर्थिक परिणामों के बारे में सोचिए."

विश्व बैंक के मुताबिक 1960 में महिलाओं की औसत प्रजनन दर लगभग 5 बच्चों की थी. करीब 60 साल बाद यह आधे से भी कम (2.4) रह गई है.

इस दौरान हुई सामाजिक-आर्थिक तरक्की ने धरती पर जन्म लेने वालों को फ़ायदा पहुंचाया है.

1960 में लोग औसत रूप से 52 साल जीते थे. 2017 में जीवन प्रत्याशा बढ़कर 72 साल हो गई है.

हम लंबे समय तक जी रहे हैं. जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ रही है हम ज़्यादा संसाधनों की मांग कर रहे हैं. इससे पेंशन और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्रों पर दबाव बढ़ रहा है.

बूढ़ी होती आबादी की समस्या विकसित देशों में ज़्यादा बड़ी है. वहां कई वजहों से जन्म दर कम रहती है. ये कारण मुख्यतः आर्थिक समृद्धि से जुड़े हैं.

इन देशों में बाल मृत्यु-दर कम है. जन्म नियंत्रण आसानी से संभव होता है और बच्चों की परवरिश महंगी है.

इन देशों में महिलाएं अक्सर जीवन के बाद के हिस्से में बच्चे पैदा करती हैं, इसलिए उनकी संख्या कम होती है.

जीवन स्तर बेहतर होने से इन देशों में लोग लंबे समय तक जीवित रहते हैं.

जापान एक प्रमुख उदाहरण है, जहां बच्चे के जन्म के समय उसकी जीवन प्रत्याशा लगभग 84 साल की है (दुनिया में सबसे ज़्यादा).

2018 में जापान की कुल आबादी में 65 साल से ज़्यादा उम्र के लोगों का हिस्सा 27 फीसदी था. यह भी दुनिया में सबसे ज़्यादा है.

यूएन के मुताबिक यहां की आबादी में 5 साल से कम उम्र के बच्चों का हिस्सा सिर्फ़ 3.85 फीसदी है.

इस दोहरी चुनौती ने पिछले कई दशकों से जापान के अधिकारियों को चिंता में डाल रखा है. पिछले साल सरकार ने रिटायरमेंट की उम्र 65 साल से बढ़ाकर 70 साल कर दी थी.

रिटायरमेंट का नया नियम जब लागू होगा तो जापान में रिटायर होने की उम्र दुनिया में सबसे ज़्यादा होगी.

असंतुलित आबादी विकासशील देशों के लिए भी ख़तरा है. चीन की आबादी में जापान के मुक़ाबले 65 साल से ज़्यादा उम्र के बुजुर्गों का हिस्सा कम (10.6 फीसदी) है.

लेकिन दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में 1970 के दशक में लागू किए आबादी नियंत्रण उपायों के कारण प्रजनन दर अपेक्षाकृत बहुत कम है (प्रति महिला सिर्फ़ 1.6).

चीन की आबादी में 5 साल से कम उम्र के बच्चों का हिस्सा 6 फीसदी से भी कम है.

बच्चों की संख्या बनाम जीवन की गुणवत्ता

ऊंची प्रजनन दर के मामले में अफ्रीकी देश अव्वल हैं. मिसाल के लिए, नाइजर दुनिया का सबसे "उर्वर" देश है. 2017 में यहां महिलाओं की औसत प्रजनन दर 7.2 थी.

लेकिन इन देशों में बच्चों की मृत्यु दर भी ऊंची है. नाइजर में हर 1,000 जन्म पर 85 बच्चों की मौत हो जाती है.

आबादी के मामले में 2.1 जादुई नंबर है. जनसांख्यिकी विशेषज्ञों का मानना है कि यह वह प्रजनन दर है, जिस पर आबादी स्थिर रहती है. जितने बुजुर्गों की मृत्यु होती है, उतने ही बच्चे जन्म ले लेते हैं.

संयुक्त राष्ट्र के सबसे ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक दुनिया के आधे देशों (113) में ही इस दर से बच्चे पैदा हो रहे हैं.

शोधकर्ता यह भी बताते हैं कि जिन देशों में शिशुओं की मृत्यु दर ऊंची है और जीवन प्रत्याशा कम है, वहां 2.3 प्रजनन दर जरूरी होती है. फिलहाल केवल 99 देश इस आंकड़े को छू पा रहे हैं.

दुनिया की कुल आबादी बढ़ रही है. 2024 में वैश्विक आबादी 8 अरब हो सकती है. लेकिन घटती जन्म दर के कारण कई देशों में आबादी गिरने की संभावना है.

चरम स्थिति वाले देशों में एक देश रूस है. यहां की महिलाओं की औसत प्रजनन दर 1.75 है. आने वाले कुछ दशकों में रूस की आबादी में भारी गिरावट होने की आशंका है.

संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या प्रभाग ने हिसाब लगाया है कि रूस की आबादी फिलहाल के 14.3 करोड़ से घटकर 2050 में 13.2 करोड़ हो जाएगी.

Wednesday, April 10, 2019

中国三年扫黑除恶迎“中考”:暴露的问题与前景

中国自2018年1月发起“扫黑除恶专项斗争”,为期三年。一年多以来,从一线城市到乡镇街头,“扫黑除恶”的标语屡屡见诸中国各地。

在这项席卷中国的斗争时间即将过半之时,中国全国扫黑办于4月9日首次举行新闻发布会,发布由四个部门联合印发的关于扫黑除恶斗争所涉刑事案件的四个意见。有专家向BBC中文表示,此时发布这四个意见显示,中国官员在这个过程中遇到了诸多问题。

暴露问题
据新华社消息,中国全国扫黑办9日发布由最高人民法院、最高人民检察院、公安部、司法部联合印发的四个意见,涉及扫黑除恶斗争中四个方面的问题,具体包括“恶势力”刑事案件、“套路贷”刑事案件、“黑恶势力”刑事案件中的财产处置、以及“软暴力”刑事案件。

四个文件出台表明,在中期到来之际,这场斗争面临的要求已发生变化。中共中央政法委秘书长、全国扫黑办主任陈一新在发布会表示,截至今年3月底,中国起诉涉黑涉恶犯罪案件共计14226件,涉及79018名人员。目前大批涉黑涉恶案件已陆续进入起诉、审判环节,这对“准确适用法律法规”提出了更高要求。

“现在发布这些文件表明,处理这些案件的官员在操作过程中遇到了一些困难,”香港中文大学法学院助理教授穆秋瑞(Ryan Mitchell)告诉BBC中文。

“如果过去一年多的扫黑运动效果非常好,那(他们)也就不需要出台这些文件了,”伦敦大学亚非学院中国研究院院长曾锐生向BBC中文表示。

在各地具体执行过程中,出现过不少有争议的规定,且对黑恶势力也有自己的解释。比如山东省检察院去年“下指标”,要求当年每个基层检察院至少处理一起涉黑案件,否则年终考核一票否决。还有湖南湘潭、山西忻州以及河北井陉三地,将家中独生子女去世的“失独家庭”列入扫黑除恶“重点监察对象”,山东济南警方在界定“黑恶势力29种常见外在表现形式”时,在第一条便指出相关人员的特征包括“佩戴夸张金银饰品炫耀的人员和以凶兽文身等彪悍、跋扈人员”。

新出台的四个文件对“恶势力犯罪”有关概念给出了界定标准,也对这些案件的处理方法作出规定。穆邱瑞认为,这四个文件的基本作用是向警方、检方及法院就界定及处理“犯罪组织”提供指导。这可以让基层官员与斗争的整体目标及方向保持一致,同时继续向公安系统强调扫黑案件的重要性。

曾锐生指出,纵观四个文件,看上去像是“全盘都打”,但其实只是集中在表面问题,没有触及核心,而这也真是这场“扫黑运动”的问题所在。“要扫黑就必须要打掉组织,打掉保护他们的腐败官员。如果做不到这两点,那就没有在做什么有效的工作,”他说。

习近平时代的扫黑除恶
这场扫黑除恶斗争与习近平发起的反腐运动联系密切。2018年1月下发的《关于开展扫黑除恶专项斗争的通知》中指出,要把黑恶势力犯罪同反腐败、基层“拍蝇”以及加强基层组织建设相结合,是一项重大政治任务。

“虽然从公开资料不可能了解这些措施是如何执行的,但这场斗争绝对产生了大量的调查和定罪,”穆秋瑞说。据中国官媒《经济日报》今年1月报道,自去年1月以来,中国公安机关共打掉涉黑组织1292个、恶势力犯罪集团5593个,破获各类刑事案件79270起,缴获各种枪支851支,查封、扣押、冻结涉案资产621亿元,全国刑事案件同比下降7.7%,八类严重暴力案件同比下降13.8%。

穆秋瑞指出,如果说之前的反腐运动针对的是中共党员滥用公共财产和权力的问题,那么这场扫黑斗争便将矛头伸出党外,瞄向社会的各个角落。

“这个政策的出发点非常好,但因为只重视数字,使得它并没有很有效。”曾锐生认为,虽然有一些关于打击“保护伞”的报道,但与案件总数相比,“并没有看到太多”被处理的组织头目数字,显示被处理的大多是“小兵”。“如果没有办法让‘小兵’改过自新的方法,做完牢他们还是容易回到那个道路,这对长期目标没有帮助。”

这场扫黑斗争也让许多人联想到原重庆市委书记薄熙来2009年掀起的“打黑专项运动”。2011年时任重庆市委政法委书记刘光磊曾介绍称,两年来重庆立案侦办涉黑涉恶团伙405个,抓获涉案人员4425人,“打黑”也成为薄熙来的一个标签。2012年3月,薄熙来在“两会”后先后被免去重庆市委书记及中央政治局委员职务,并因被控受贿、贪污、滥用职权于2013年9月22日被判处无期徒刑,剥夺政治权利终身,没收个人全部财产。

穆秋瑞指出,薄熙来“打黑”与习近平“扫黑”的相似之处在于,二者均可以显示出共产党在面对这类问题时显示的结构性特征:即比起政策透明度及对舆论监督,共产党只能采取从上而下、由党领导的行动。他认为,薄熙来的“打黑”是为巩固自己权力,而习近平的“扫黑”则更凸显整个中共对非法资金侵蚀党的权威的担忧。

Tuesday, April 2, 2019

原国家食药监总局副局长吴浈等3人被公诉

  中新网4月2日电 据最高检官方微信消息,近日,四川、吉林、山东检察机关依法对原国家食品药品监督管理总局副局长吴浈涉嫌滥用职权、受贿案,北京市政协原党组副书记、副主席李士祥涉嫌受贿案,河南省政协原党组副书记、副主席靳绥东涉嫌受贿案提起公诉

  原国家食品药品监督管理总局副局长吴浈涉嫌滥用职权、受贿一案,由国家监察委员会调查终结,经最高人民检察院指定,由四川省成都市人民检察院审查起诉。近日,成都市人民检察院已向成都市中级人民法院提起公诉。检察机关起诉指控:被告人吴浈在担任国家食品药品监督管理局副局长、国家食品药品监督管理总局副局长兼国家卫生和计划生育委员会副主任期间,徇私舞弊,滥用职权,致使国家和人民利益遭受重大损失,情节特别严重;利用担任江西省卫生厅药政管理局局长、江西省药品监督管理局局长、国家食品药品监督管理局副局长、国家食品药品监督管理总局副局长等职务上的便利,为他人谋取利益,非法收受他人财物,数额特别巨大,依法应当以滥用职权罪、受贿罪追究其刑事责任。

  北京市政协原党组副书记、副主席李士祥涉嫌受贿一案,由国家监察委员会调查终结,经最高人民检察院指定,由吉林省长春市人民检察院审查起诉。近日,长春市人民检察院已向长春市中级人民法院提起公诉。检察机关起诉指控:被告人李士祥利用担任北京市朝阳区区长、中共北京市朝阳区委书记、北京市委常委、秘书长、副市长等职务上的便利和职权、地位形成的便利条件,为他人谋取利益,非法收受他人财物,数额特别巨大,依法应当以受贿罪追究其刑事责任。

  河南省政协原党组副书记、副主席靳绥东涉嫌受贿一案,由国家监察委员会调查终结,经最高人民检察院指定,由山东省济南市人民检察院审查起诉。近日,济南市人民检察院已向济南市中级人民法院提起公诉。检察机关起诉指控:被告人靳绥东利用担任河南省安阳市副市长、市长、中共安阳市委书记、河南省政协副主席等职务上的便利,为他人谋取利益,索取、非法收受他人财物,数额特别巨大,依法应当以受贿罪追究其刑事责任。

  对以上案件,检察机关在审查起诉阶段,分别依法告知了被告人享有的诉讼权利,讯问了被告人,听取了辩护人的意见,依法保障了被告人各项诉讼权利。

  中新网4月2日电 据最高检官方微信消息,国家发展改革委原党组成员、副主任,国家能源局原党组书记、局长努尔·白克力涉嫌受贿一案,由国家监察委员会调查终结,移送检察机关审查起诉。日前,最高人民检察院依法以涉嫌受贿罪对努尔·白克力作出逮捕决定。该案正在进一步办理中。