Friday, December 28, 2018

केंद्र सरकार ने चाइल्ड केयर लीव के नियम बदले, पुरुषों को भी मिलेगी 730 दिन की छुट्टी

केंद्र सरकार के ऐसे कर्मचारी जो एकल पिता की जिम्मेदारी निभा रहे हैं वो अपने सेवा काल के दौरान कुल 730 दिन की चाइल्ड केयर लीव ले सकेंगे। अभी तक यह सुविधा सिर्फ महिला कर्मचारियों के लिए थी। सरकारी नोटिफिकेशन में एकल पिता को अविवाहित, विधुर या तलाकशुदा के रूप में परिभाषित किया गया है।

18 साल के कम उम्र के बच्चों की देखभाल के लिए मिलेगी सुविधा
7वें वेतन आयोग ने सिंगल मेल पेरेंट्स के लिए चाइल्ड केयर लीव की सिफारिश की थी। सरकार ने इसकी मंजूरी देते हुए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। यह सुविधा उन पुरुष कर्मचारियों को मिलेगी जो सिंगल पेरेंट हैं या जिनके बच्चों की उम्र 18 साल से कम है।

डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग (डीओपीटी) के आदेश के मुताबिक सरकारी महिला कर्मचारी और सिंगल मेल पेरेंट को संबंधित अथॉरिटी से 730 दिन की छुट्टियां मिलनी चाहिए। यह सर्विस पहले दो बच्चों की देखरेख, उनकी शिक्षा, बीमारी जरूरतों के लिए होनी चाहिए।

नए नियमों के तहत पहले 365 दिनों में 100% जबकि बाकी 365 दिन की छुट्टियों के दौरान 80% सैलरी देने का प्रावधान है। महिलाओं को चाइल्ड केयर लीव के अलावा 180 दिन की मैटरनिटी लीव भी मिलती है। लेकिन, पुरुषों के लिए सिर्फ 15 दिन की पैटरनिटी लीव का प्रावधान था।

कर्मचारियों के अर्जित अवकाश (ईएल) में भी संशोधन किया गया है। इसके मुताबिक जनवरी और जुलाई महीने के पहले ही दिन 5 एडवांस लीव उनके खाते में जोड़ दी जाएंगी।

दूसरे देशों में क्या है नियम?

अमेरिका में सवैतनिक अवकाश की सुविधा नहीं है। लेकिन, परिवार एवं चिकित्सा कानून 1993 के तहत कर्मचारी 12 हफ्ते का अवैतनिक अवकाश ले सकते हैं।
कैलिफोर्निया में 6 महीने का अवकाश लिया जा सकता है।
ऑस्ट्रेलिया में बच्चों की देखभाल के लिए 18 हफ्ते की छुट्टी ली जा सकती है।

अनुपम ने कहा- विरोध से प्रचार ही होगा
फिल्म पर लोगों की आपत्ति को लेकर अनुपम खेर से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, ‘‘जितना वे विरोध करेंगे, फिल्म को उतना ही प्रचारित करेंगे। इस विषय पर किताब 2014 में ही आ गई थी तब कोई विरोध-प्रदर्शन नहीं किया गया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘जलियांवाला बाग या होलोकास्ट (द्वितीय विश्वयुद्ध के वक्त जर्मनी में हुआ नरसंहार) की घटना पर फिल्म बनाई जाए तो उसमें तथ्यों को नहीं बदला जा सकता।’’

महाराष्ट्र यूथ कांग्रेस की आपत्ति पर खेर ने कहा, ‘‘हाल ही में राहुल गांधी जी का ट्वीट पढ़ा था, जिसमें उन्होंने अभिव्यक्ति की आजादी पर बोला था। ऐसे में मेरा मानना है कि उन्हें उन लोगों को डांटना चाहिए कि आप लाेग गलत काम कर रहे हो।’’

अनुपम ने यह भी कहा, ‘‘उनके (कांग्रेस) नेता पर फिल्म बनी है, उन्हें खुश होना चाहिए। आपको भीड़ लेकर भेजनी चाहिए फिल्म देखने के लिए, क्योंकि डायलॉग हैं उसमें। जैसे कि- मैं देश को बेचूंगा? जिससे लगता है कि कितने महान हैं मनमोहन सिंह जी’’

Wednesday, December 19, 2018

2011 में भारत को विश्वकप जिताने वाले कर्स्टन महिला टीम के कोच बनने की दौड़ में

महिला टीम के मुख्य कोच के लिए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने कुछ नामों को शॉर्ट लिस्ट किया है। इसमें दक्षिण अफ्रीका के गैरी कर्स्टन और हर्शल गिब्स और टीम के पूर्व कोच रमेश पोवार के नाम भी शामिल हैं। नए कोच के लिए इंटरव्यू गुरुवार से शुरू होंगे। भारतीय टीम के पूर्व कप्तान कपिल देव, अंशुमन गायकवाड़, शांता रंगास्वामी इंटरव्यू पैनल में शामिल हैं।

28 लोगों ने किया था आवेदन

कोच के लिए कुल 28 लोगों ने आवेदन किए थे। कर्स्टन और गिब्स के अलावा दिमित्री मैस्कारेनहस, ब्रैड हॉग, ट्रैंट जॉनसन, डेव व्हॉटमोर, ओवैश शाह, कोलिन सिलर, डोमिनिक थोर्नेले का इंटरव्यू लिया जाएगा। वेंकटेश प्रसाद, मनोज प्रभाकर और वीवी रमन भी शॉर्ट लिस्ट किए गए हैं।

मिताली की शिकायत के बाद पोवार का नहीं बढ़ा था कार्यकाल
पिछले महीने वेस्टइंडीज में हुए महिला टी20 वर्ल्डकप में इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में मिताली राज को टीम में शामिल नहीं किया गया था। टीम वह मुकाबला हार गई थी। बाद में मिताली राज ने ट्वीट कर कोच रमेश पोवार पर अपमानित करने और करियर तबाह करने का आरोप लगाया था। इस कारण बीसीसीआई ने पोवार के कार्यकाल को नहीं बढ़ाया था। पोवार का कार्यकाल 30 नवंबर को खत्म हो चुका है।

बता दें कि बीते सप्‍ताह आखिरी कारोबारी दिन सेंसेक्स 35 अंक बढ़त के साथ 35,963  के स्‍तर पर बंद हुआ जबकि निफ्टी 10, 805 पर रहा. गुरुवार को सेंसेक्स में 150.57 अंकों की बढ़त दर्ज की गई और 35,929.64  के स्‍तर पर बंद हुआ जबकि निफ्टी 53.95 अंकों की तेजी के साथ 10,791.55 पर बंद हुआ. बुधवार को सेंसेक्स 629 अंक बढ़कर 35779 के स्तर पर बंद हुआ. मंगलवार को सेंसेक्‍स 190 अंकों की बढ़त के साथ 35,150 के स्‍तर पर बंद हुआ. हालांकि सोमवार को सेंसेक्‍स 713.53 अंक यानी 2 फीसदी टूटकर 34,959.72 के स्‍तर पर रहा .

सीपीएम सांसद ई करीम ने 500 रूपये और एक हजार रुपये के पुराने नोट वापस लेने, नष्ट करने और नये नोट जारी करने पर रिजर्व बैंक की ओर से खर्च की गयी धनराशि साथ ही नोटबंदी के दौरान बैंकों में नोट बदलने वालों की लाइन में लगे लोगों की मौत का ब्योरा मांगा था. इसके जवाब में जेटली ने बताया कि रिजर्व बैंक ने नोटबंदी के बाद नये नोटों की छपाई पर हुआ व्यय अपनी लेखा रिपोर्ट में अलग से नहीं दर्शाया है.

Thursday, December 6, 2018

अगले 17 साल में सूरत की ग्रोथ दुनिया में सबसे तेज रहेगी, टॉप-10 में सभी शहर भारत के

साल 2019 से 2035 के बीच जो शहर सबसे तेज इकोनॉमिक ग्रोथ करेंगे उनमें टॉप-10 भारत के हैं। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक ऑक्सफोर्ड इकोनॉमिक्स के ग्लोबल सिटीज रिसर्च में सूरत ग्रोथ में सबसे ऊपर है। उसकी औसत सालाना ग्रोथ 9.17% रहने की उम्मीद है। दूसरा नंबर आगरा (8.58%) का और तीसरा बेंगलुरु (8.5%) का है।

रिसर्च के मुताबिक भारतीय शहरों का इकोनॉमिक आउटपुट दूसरे देशों के महानगरों के मुकाबले कम रहेगा। वहीं, सभी एशियाई शहरों की कुल जीडीपी साल 2027 तक सभी उत्तरी अमेरिकी और यूरोपीय शहरों की जीडीपी से ऊपर निकल जाएगी। साल 2035 तक यह 17% ज्यादा हो जाएगी।

ऑक्सफोर्ड इकोनॉमिक्स की रिसर्च में सामने आया है कि साल 2035 तक दुनिया के बड़े शहरों की स्थिति में थोड़ा बदलाव होगा। न्यूयॉर्क, टोक्यो, लॉस एंजिल्स और लंदन टॉप 4 स्थानों पर बने रहंगे। लेकिन, शंघाई और बीजिंग, पेरिस और शिकागो को पीछे छोड़ देंगे। चीन के ग्वांगझू और शेनझेन भी टॉप-10 में शामिल हो जाएंगे।

रिसर्च में कहा गया है कि अफ्रीका में तंजानिया सबसे तेज ग्रोथ वाला शहर है। यूरोप में अरमेनियन की ग्रोथ सबसे तेज रहने की उम्मीद है। उत्तरी अमेरिका में सैन जोस सबसे ज्यादा विकास करेगा।

चैंबर ऑफ कॉमर्स पहली बार एनर्जी एक्सपो का 30 नवम्बर से 2 दिसंबर तक सरसाणा स्थित कन्वेंशन सेंटर में आयोजन कर रहा है, जिसके उद्घाटन पर पहुंचे श्रीश्री रविशंकर ने कहा कि सूरत आने पर मुझे एक व्यापारी ने कहा कि पूर्व में सूरत का व्यापार विश्वास पर चलता था, लेकिन अब विश्वास नहीं रहा। मैंने कहा कि कारोबार में उतार-चढ़ाव तो आते रहते हैं, अब ऊपर भी जाएगा व्यापार, भारत में संभावनाएं अधिक हैं।

इस मौके पर एनटीपीसी के चेयरमैन गुरुदीप सिंह, जिंबाब्वे के डेप्युटी मिनिस्टर ऑफ ट्रेड एंड कॉम  र्स राजेश कुमार मोदी, रिन्युएबल एनर्जी प्रमोशन एसोसिएशन के अध्यक्ष एजी अय्यर, नई दिल्ली इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के चेयरमैन विश्व मोहन बंसल उपस्थित रहे। बीटूबी होने वाले इस एक्सपो का उद्देश्य यह है कि सूरत के उद्यमियों को यह दिखाना है कि आज की एनर्जी की दुनिया कैसी है?

अंतरराष्ट्रीय स्तर की एनर्जी कंपनी कैसे एनर्जी सेविंग करती हैं। कैसे एनर्जी उत्पादन की जाती है। इस एक्जीबिशन में सोलर एनर्जी के स्टॉल भी लगे। एनटीपीसी, एचपीसीएल, गेल सहित अंतरराष्ट्रीय स्तर की  वोटसिला, वास्को जैसी विदेशी संस्था भी शामिल हुई हैं। चैंबर अध्यक्ष हेतल मेहता ने बताया कि पहले ही दिन 1600 लोगों ने मुलाकात ली। ऊर्जा मंत्री सौरभ पटेल इसमें उपस्थित नहीं रहे।

Monday, November 26, 2018

सेक्स के बारे में बच्चों से झूठ बोलना क्यों ख़तरनाक?

"बच्चों! आज हमारी एजुकेशन की क्लास है!" ये कहते हुए टीचर डस्टर उठाता है और ब्लैकबोर्ड पर लिखा 'सेक्स' शब्द मिटा देता है. बचता है तो सिर्फ़ " एजुकेशन". ब्लैकबोर्ड पर महिला और पुरुष के चित्र बने हैं और उनके जननांगों की जगह ख़ाली डिब्बा सा बना दिया गया है.

कुछ ऐसा ही दृश्य है 'ईस्ट इंडिया कॉमेडी' के बनाए एक वीडियो का. वीडियो बड़े ही मज़ाक़िया लहजे में भारत में सेक्स एजुकेशन व्यवस्था पर तंज़ करता है.

लेकिन कहानी यहीं ख़त्म नहीं होती. उदाहरण अभी बाक़ी हैं मेरे दोस्त!

मिसालों की लिस्ट क़ायम है!
बच्चे का सवाल -"मम्मा, बच्चे कहां से आते हैं?"

उत्तर- "बेटा, आसमान से एक सुंदर सी परी आती है और बच्चों को मम्मा के पास रखकर चली जाती है."

बच्चे का सवाल -"डैडी, वो हिरोइन प्रेगनेंट कैसे हो गई?"

उत्तर-"बेटा, हीरो ने हिरोइन को किस किया ना. इसलिए वो प्रेगनेंट हो गई."

भारतीय घरों में ऐसी बातचीत सुनने को मिले तो हमारे कान ज़रा भी खड़े नहीं होते क्योंकि ये बिल्कुल आम है.

लेकिन इस 'आम बातचीत' का नतीजा कितना ख़तरनाक हो सकता है इसका अंदाज़ा डॉक्टर शारदा विनोद कुट्टी की एक फ़ेसबुक पोस्ट से बख़ूबी लगाया जा सकता है.

डॉ. शारदा ने कुछ दिनों पहले फ़ेसबुक पर एक वाक़या शेयर किया था, जो कुछ इस तरह था:

"आज मेरे पास 17 साल की एक लड़की आई. वो काफ़ी ग़रीब परिवार से थी. उसने मुझे बताया कि बॉयफ़्रेंड से सेक्स करने के बाद उसने आईपिल (गर्भ निरोधक दवा) ले ली है. वो बहुत घबराई हुई थी और मेरे सामने शर्मिंदा महसूस कर रही थी. वो मुझसे बार-बार कह रही थी ये बस एक बार हुई ग़लती है और दोबारा ये ग़लती नहीं होगी.

मैं उसे ये समझाने की कोशिश करती रही कि ऐसा करने में कोई बुराई नहीं है. हर इंसान सेक्स करता है अगर इस मामले में कुछ ज़रूरी है तो वो है सुरक्षा. हमने अपनी बातचीत जारी रखी और आख़िरकार उसनें मुझे बताया कि उसे असल में पता ही नहीं है कि सेक्स होता कैसे है.

उसे ये भी नहीं पता था कि एक पुरुष का जननांग दिखता कैसा है. इसके बाद मैंने उसे सारी चीज़ें विस्तार से समझाई और चित्र बनाकर दिखाया कि असल में सेक्स कैसे होता है. सच्चाई ये थी कि उस लड़की ने सेक्स किया ही नहीं था. उसने अपने बॉयफ़्रेंड को सिर्फ़ किस किया था. हमारे यहां सेक्स एजुकेश की स्थिति इतनी ख़राब है कि उसे लगा कि किस करने से वो प्रेगनेंट हो जाएगी.

यहां तक कि उसने प्रेगनेंसी रोकने के लिए उसने गर्भनिरोधक दवा भी खा ली. ज़रा सोचिए कि हमने अपने बच्चों को किस क़दर अकेला छोड़ दिया है. सोचिए कि वो लड़की कितना बेहतर महसूस करती अगर उसके पास सही जानकारी होती और अगर वो एक ऐसे समाज में रह रही होती जहां उसे ग़लत न समझा जाता."

Tuesday, November 13, 2018

अब तक 102 देशों की खिलाड़ी ले चुकी हैं हिस्सा

 यहां के इंदिरा गांधी स्टेडियम में गुरुवार से शुरू हो रही एआईबीए महिला विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में चार कन्फेडरेशंस (परिसंघ) से नौ देश पहली बार इस टूर्नामेंट में हिस्सा लेंगे। चैम्पियनशिप के इस 10वें संस्करण में मुक्केबाजी का मजबूत देश माना जाने वाला स्कॉटलैंड भी डेब्यू करेगा। पिछले नौ संस्करणों में पांच कन्फेडरेशंस के 102 राष्ट्र हिस्सा ले चुके हैं। महिला विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप की शुरुआत 2001 में हुई थी।

पिछले 12 साल में 70 और देशों की मुक्केबाज रिंग में उतरीं
भारत दूसरी बार इस टूर्नामेंट की मेजबानी कर रही है। इससे पहले 2006 में नई दिल्ली में हुई महिला विश्व मुक्केबाजी में 32 देशों की 180 मुक्केबाज रिंग में उतरी थीं। पिछले 12 साल में महिला मुक्केबाजी में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि इस दौरान 70 और देशों ने इस टूर्नामेंट में भाग लिया।

स्कॉटलैंड ने कुछ साल पहले ही अपनी महिला टीम बनाई है। उसने इससे पहले कभी विश्व चैम्पियनशिप में अपनी टीम नहीं उतारी। इस देश की तीन मुक्केबाजों में 19 साल की विक्टोरिया ग्लोवर भी हैं जो 57 किलोग्राम भारवर्ग में प्रतिस्पर्धा करेंगी। उनके अलावा स्टेफनी केरनाचान 51 और मेगन रीड 64 किलोग्राम में चुनौती पेश करेंगी।

स्कॉटलैंड के अलावा 2012 में एआईबीए में शमिल होने वाला देश कोसोवो की महिला टीम भी विश्व चैम्पियनशिप में हिस्सा ले रही है। कोसोवो के मुक्केबाजों ने पुरुषों की एलीट यूथ और जूनियर एआईबीए टूर्नामेंट में शिरकत की है। कोसोवो की पहली महिला मुक्केबाज डोनेता सादिकु ईयूबीसी यूरोपियन महिला यूथ चैम्पियन हैं।

डोनेता सादिकु इस टूर्नामेंट में डेब्यू कर रही हैं। 19 साल की इस मुक्केबाज ने 2015 में जूनियर विश्व चैम्पिनयशिप में रजत पदक जीता था। इस टूर्नामेंट में डेब्यू करने वाला माल्टा तीसरा देश है। इससे पहले माल्टा ने 2009 में पुरुषों की विश्व चैम्पियनशिप में हिस्सा लिया था।

बांग्लादेश भी इस टूर्नामेंट में अपनी तीन मुक्केबाजों के साथ पहली बार उतरेगा। बांग्लादेश ने कुछ साल पहले ही महिला मुक्केबाजी कार्यक्रम की शुरुआत की है। इसके अलावा केमैन आइलैंड की मुक्केबाज भी पहली बार विश्व चैम्पियनशिप में हिस्सा लेंगी।

इंग्लैंड के लिए खेल चुकीं रामला अब अपने देश सोमालिया की ओर से रिंग में उतरेंगी
अफ्रीकी मुक्केबाजी कन्फेडरेशंस के चार देश कांगो, मोजाम्बिक, सिएरा लियोन और सोमालिया की मुक्केबाज भी पहली बार इसमें हिस्सा लेंगी। सोमालिया की ओर से रामला अली रिंग में चुनौती पेश करेंगी। लंदन में रह रहीं रामला पहले इंग्लैंड की ओर से खेल चुकीं हैं। इस बार उन्होंने अपने मूल राष्ट्र से खेलने का फैसला किया।