Thursday, February 7, 2019

जेब पर कितनी भारी पड़ रही है खानपान की एलर्जी

सुनने में यह अजीब लगता है, लेकिन अगर आपको सीलियक जैसी ऑटो-इम्यून बीमारी हो तो आप जान ही नहीं पाते कि जीने का दूसरा तरीका भी है.

31 साल की उम्र में पिछले साल ब्लड टेस्ट से पता चला कि मुझे सीलियक बीमारी है. पहले मैं जब भी अपनी आंतों पर दबाव डालती थी तो हमेशा एक हल्का दर्द होता था.

मैंने कभी ध्यान ही नहीं दिया था कि कई बार मेरा पेट फूल जाता था और उसमें दर्द रहता था.

फ़ूड पॉयजनिंग के कारण एक बार मैं 15 दिनों के लिए उठ ही नहीं पाई. तब मेरे पति ने मुझे डॉक्टर से मिलने की सलाह दी.

ग्लूटन की शिकार
मुझे पता चला कि जब भी मैं ग्लूटन खाती थी, मेरा इम्यून सिस्टम खुद पर हमले करने लगता था.

सीलियक बीमारी गेहूं, जौ और राई में मिलने वाले प्रोटीन (ग्लूटन) के लिए ऑटो-इम्यून प्रतिक्रिया है.

ग्लूटन खाने की वजह से इस बीमारी के शिकार लोगों की आंतें क्षतिग्रस्त हो जाती हैं और अगर बीमारी की सही पहचान या इलाज न हो तो यह कैंसर का कारण भी बन सकती है.

ग्लूटन से मुक्त आहार मेरी ज़रूरत है और मैंने इस बारे में जिससे भी बात की, सबने यही कहा कि अब तो ग्लूटन-फ्री विकल्पों की कोई कमी नहीं है.

फ़ूड एलर्जी के बारे में जागरुकता बढ़ने से खाने-पीने के नये विकल्प आ गए हैं. लैक्टोस-फ्री दूध, ग्लूटन-फ्री बीयर और मेवे से मुक्त बिस्कुट से दुकानें भरी हुई हैं. कई दुकानों में तो "फ्री-फ्रॉम" सेक्शन भी बन गए हैं.

ब्रिटेन में पिछले 5 साल में फ्री-फ्रॉम बाज़ार 133 फीसदी बढ़ा है. 2018 में इसके 83.7 करोड़ पाउंड (101 करोड़ डॉलर) रहने का अनुमान था.

यह पॉपुलर कल्चर का भी हिस्सा बन रहा है. ब्रिटेन के मशहूर टीवी शो- "द ग्रेट ब्रिटिश बेक ऑफ़" में ग्लूटन-मुक्त और डेयरी-मुक्त डायट की चुनौतियां दी जा रही हैं.

खाने-पीने की एलर्जी को दूर रखने वाले आहार बहुतायत में उपलब्ध हो रहे हैं, लेकिन वे सस्ते नहीं हैं.

महंगे आहार
ब्रिटेन में ग्लूटन से मुक्त आहार परंपरागत आहार के मुक़ाबले 159 फीसदी महंगे हैं.

किराने का मेरा अपना बिल बढ़ गया है. प्रेट्ज़ेल स्टिक्स की एक थैली के लिए पहले 3 डॉलर लगते थे. उसके ग्लूटन-फ्री विकल्प के लिए अब मुझे 4.50 डॉलर लगते हैं.

सैंडविच ब्रेड के लिए पहले मैं 2.50 डॉलर देती थी. अब फ्रोज़न ग्लूटन-फ्री ब्रेड के लिए मैं 4.50 डॉलर चुकाती हूं.

0.99 डॉलर का पास्ता भी अब 4.50 डॉलर का हो गया है.

यदि मैं घर से बाहर खाना खाने जाऊं तो कीमत के आधार पर विकल्प नहीं चुन सकती. मुझे एक ही ग्लूटन-फ्री विकल्प मिलता है जो 10 डॉलर महंगा भी हो सकता है.

फ़ूड एलर्जी से जुड़े कई और ख़र्च भी हैं. 2012 में अमरीकी मेडिकल एसोसिएशन के शोधकर्ताओं ने फ़ूड एलर्जी से पीड़ित बच्चों के 1,643 मां-बाप का सर्वे किया था.

पता चला कि वे हर बच्चे पर सालाना 4,184 डॉलर अतिरिक्त ख़र्च कर रहे थे.

शोधकर्ताओं ने निष्कर्ष निकाला कि फ़ूड एलर्जी के शिकार अमरीका के करीब 8 फीसदी बच्चों के इलाज पर सालाना लगभग 25 अरब डॉलर का ख़र्च है.

इसमें डॉक्टरों की फ़ीस, अस्पताल के ख़र्च, दवाइयों और विशेष आहार पर करीब 5.5 अरब डॉलर का ख़र्च था.

उसी साल फिनलैंड के शोधकर्ताओं ने अनुमान लगाया था कि फ़ूड एलर्जी के शिकार बच्चों पर औसत रूप से 3,182 यूरो (3,600 डॉलर) का अतिरिक्त ख़र्च है.

"फ्री-फ्रॉम" किराने के सामान पर होने वाले ख़र्च का सही-सही आंकड़ा ढूंढ़ना मुश्किल है. फिर भी ख़र्च तो हो ही रहा है और इसमें कोई कटौती भी नहीं हो सकती.

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